देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है। देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है।
गुलशन में फूल फिर महकेंगे वसंत बहार फिर आएगी। गुलशन में फूल फिर महकेंगे वसंत बहार फिर आएगी।
हरियाली होगी जब कानन में खुशहाली होगी तब आंगन में । हरियाली होगी जब कानन में खुशहाली होगी तब आंगन में ।
क्यों हो बैठे तुम पेड़ की छांव में,इन बिखरे हुए सूखे पत्तों के बीच? क्यों हो बैठे तुम पेड़ की छांव में,इन बिखरे हुए सूखे पत्तों के बीच?
लोगों की है ये सज़ा । पेड़ काटना है गुनाह ॥ प्रदूषण को यह हटाते हैं।" हानिकारक गैसों लोगों की है ये सज़ा । पेड़ काटना है गुनाह ॥ प्रदूषण को यह हटाते हैं।" हा...
अभी आज जीवन व मृत्यु के बीच झूलते,असमंजस में पड़े राहगीरों को निहारते है कभी पैरो तले रौंदे जाते अभी आज जीवन व मृत्यु के बीच झूलते,असमंजस में पड़े राहगीरों को निहारते है कभी ...